नदी के मुहानों के साथ ही तटों के लिए हाई टाइड लाइन (एचटीएल) का सीमांकन कार्य पूर्ण हो चुका है।
अगले 100 वर्षो में अपरदन के पूर्वानुमान के साथ हाई रेजोल्यूसन अपरदन की मैपिंग (1:10,000 स्केल) का कार्य पूर्ण हो चुका है।
एनसीएससीएम के अपरदन मैप के आधार पर सर्वे आफ इंडिया के साथ तटों के लिए जोखिम रेखा के सीमांकन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और एसओआई द्वारा बाढ़ रेखा तैयार कर दी गई है।
सीआरजेड 2011 की अधिसूचना की अपेक्षानुसार एनसीएससीएम द्वारा गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, दमन और दीव, गुजरात, आंध्र प्रदेश, के लिए तटीय अंचल प्रबंधन योजना तैयार की जा रही है।
लक्षद्वीप के 10 आबाद द्वीपों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 4 द्वीपों के लिए एकीकृत द्वीप प्रबंधन योजना तैयार कर ली गई है।
मछुआरों के गांवों के लिए सूक्ष्म स्तरीय विकेंद्रीकृत योजना के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए गए हैं।