पारिस्थितिक रूप से संवेदी क्षेत्रों के साथ साथ भारत के मुख्य भूमि तट और द्वीपीय तटों के मैपिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है।
अति संवेदनशील तटीय क्षेत्रों का सीमांकनका कार्यलिया गया है, जो पारिस्थितिक रूप से संवेदी क्षेत्रों पर सामुदायिक निर्भरता की प्रमात्रा का वैज्ञानिक आकलन करने के लिए एक विशिष्ट फ्रेमवर्क है, इसमे देश के तटों के साथ 12 सीवीसीए स्थलों के सीमांकन का कार्य शामिल है।
लगभग 10,000 प्रजातियों के लिए तटीय और मरीन जैव विविधता एकीकरण नेटवर्क डाटाबेस तैयार कर लिया गया है और यह आनलाइन उपलब्ध है।
मैनग्रोव, कोरल रीफ, कछुआ रेस्टिंग स्थलों आदि के लिए तटीय और मरीन इकोसिस्टम वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यांकन का अनुमान लगाया जा चुका है।